प्रदूषण पर निबंध / प्रदूषण एक समस्या – Essay on Pollution in Hindi

प्रदूषण पर निबंध / प्रदूषण एक समस्या – Essay on Pollution in Hindi

आज के समय में पूरी दुनियां में प्रदूषण एक बड़ी समस्या हैं। प्रदूषण से प्रकृति पर बहुत बुरा असर पड़ता हैं। प्रदूषण से मनुष्यों को कई प्रकार के बीमारियों का सामना करना पड़ता हैं। कुछ समय पहले हर जगह हरियाली ही हरियाली थी, लेकिन जैसे जैसे लोग बढ़ते गए वैसे वैसे प्रदूषण बढ़ता गया। आज हम आपको प्रदूषण (Essay on Pollution in Hindi) के बारे में जानकारी देने वाले, जैसे कि प्रदूषण क्या होता हैं, प्रदूषण कैसे बढ़ता, प्रदूषण का अर्थ क्या हैं, प्रदूषण के कारण क्या हानि पहुँचती हैं और बहुत कुछ इस पोस्ट में बताने वाले हैं।

छात्रों को प्रदूषण पर निबंध या प्रदूषण एक समस्या (Essay on Pollution in Hindi) इस विषय पर स्कूलों और कॉलेजों में निबंध लिखने के लिए कहा जाता हैं। इसलिए छात्र Essay on Pollution in Hindi में तलाश करते हैं। प्रदूषण पर निबंध 5वी, 6वी, 7वी, 8वी, 9वी, 10वी, 11वी और 12वी के लिए लोंग और शॉर्ट निबंध की जानकारी प्रदान की हैं, आप नीचे जानकारी प्राप्त कर सकते।

प्रदूषण पर निबंध / प्रदूषण एक समस्या – Essay on Pollution in Hindi

प्रदूषण पर निबंध (500 – 600 Words Essay)

आज के मानव जीवन में प्रदुषण एक बड़ी समस्या हैं। कुछ दर्शकों से प्रदुषण बड़ी तेजी से बड़ रहा हैं, जो सभी देशों के लिए होने वाली हानियों को लेकर चिंतित हैं। प्रदूषण पर्यावरण, मनुष्य और जीव-जंतुओं को बहुत नुकसान पहुँचता हैं। प्रदूषण का अर्थ यह हैं कि न वायु शुद्ध मिलना, न शुद्ध जल मिलना, न शुद्ध खाद्य पदार्थों मिलना, न शांत वातावरण मिलना आदि। यह सब शुद्ध न मिलने के कारण पर्यावरण, जानवरों और मनुष्यों को भारी नुकसान पहुँचता हैं।

प्रदुषण कई प्रकार के होते हैं, लेकिन सबसे प्रमुख प्रदुषण – वायु प्रदुषण, जल प्रदुषण और ध्वनि प्रदुषण हैं, जो मनुष्य, पर्यावरण और जीव-जन्तुओं को नुकसान पहुँचाते हैं।

आज पूरी दुनिया में हवा इतनी दूषित हो गई हैं कि मनुष्य को सास लेना बड़ी मुश्किल हो रही हैं। वायु प्रदुषण सबसे ज्यादा वाहनों से निकलने वाली धुआँ, कारखानों से निकलने वाली धुआँ, आणविक सयंत्रो से निकलने वाली रसायन, तेल शोधन कारखानों से निकलने वाली धुआँ आदि से निकलने वाली धुआये से होता हैं। इनसे निकलने वाली धुआँ बड़ी ही ज़हरीली होती हैं, जिससे मनुष्यों, पक्षियों और पशुओं को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। इससे मनुष्यों को सास लेने में तकलीफ, सर्दि-खासी, भुखार, कैन्सर, त्वचा रोग आदि जैसे बीमारियां पैदा होती हैं।

वायु प्रदुषण के कारण सर्दियों में कोहरा छाया रहता हैं, जिससे मनुष्य घरों से बाहर नहीं निकलते, क्योंकि इस कोहरे से मनुष्य के फेफड़ो में चला जाता हैं, जिससे सास लेने में तकलीफ होती हैं। इसका सबसे ज्यादा असर युवा वर्ग को होता हैं, क्योंकि उसे काम से बाहर ही रहना पड़ता हैं।

वायु प्रदुषण से पृथ्वी का तापमान बढ़ जाता हैं, इसे पर्यावरण और मनुष्य को नुकसान पहुँचता हैं, क्योंकि सूर्य से आने वाली गर्मी से कार्बन डाई ऑक्साइड और नाइट्रस ऑक्साइड का प्रभाव कम नहीं होता हैं, जिससे मनुष्य और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुँचता हैं।

जल प्रदुषण गंदे पानी से फैलता हैं। जल प्रदुषण कल-कारखानों की नदियों, मानव मल की नदियों, कूड़े-कचरे की नदियों, गंदे नालों आदि जैसे नदियों से फैलता हैं। यह नदियां समुद्र में जा मिलती हैं, जिससे समुद्री जानवरों और मछलियों को हानि पहुँचती हैं। यह मछलियां मनुष्य खाते हैं, जिससे कई अलग अलग बीमारियां पौदा होती हैं।

गांव में शौचालय न होने के कारण लोग तालाब या नदी की जमील या नदियों में शौच करते हैं। यही पानी नदियों या तालाबों में जा पहुँचता हैं और यह पानी महिलाएं नहाने, कपड़े धोने, पानी पीने, खाना बनाने आदि जैसे चीजों के लिए इस्तेमाल करती हैं, जिससे मनुष्य को कई बीमारियों का सामना करना पड़ता हैं।

कई किसान खेतों में विभिन्न प्रकार के रसायनिक उवर्रकों का इस्तेमाल करते, ताकि उनकी फसल में कीड़े न लगें, इसलिए रासायनिक का उपयोग करते हैं, लेकिन वर्षा आने पर पानी के साथ साथ ये सभी रसायनिक तत्व नदियों और तालाबों में चला जाता हैं, जिससे जल प्रदूषित हो जाता हैं। कई लोग समुद्री इलाके में घूमने जाते हैं और वहाँ कूड़ा-कचरा समुद्र में डाल दिया जाता हैं, जिससे समुद्री जानवरों, मछलियों आदि को हानि पहुँचती हैं।

मनुष्य शांत वातावरण में रहना चाहता हैं, लेकिन आजकल वाहनों, कारखानों, मोटर-गाड़ियो, लाउडस्पीकर, यातायात का शोर से मनुष्यों को बहुत ज्यादा परेशानी होती हैं। इनसे होने वाले प्रदूषण को ध्वनि प्रदूषण कहा जाता हैं। इससे मनुष्य के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता हैं, जैसे कि पागलपन, सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, बेचैनी आदि जैसे समस्याएं उतपन्न होने लगती हैं।

प्रदूषण पर निबंध (300 – 400 Words Essay)

आज के समय में दुनियां भर में प्रदुषण एक गंभीर समस्या हैं। पर्यावरण और मनुष्य के लिए एक भारी चिंता का विषय बनता जा रहा हैं। आज के समय में प्रदुषण के कारण मनुष्य जिस वातावण में जी रहा हैं, वह दिन-ब-दिन खराब होता जा रहा हैं। प्रदुषण के कारण प्रकृति पर प्रभाव पड़ रहा हैं।

प्रदुषण के कारण कभी अत्यधिक गर्मी हो रही हैं, कभी अत्यधिक ठंड बड़ रही हैं, तो कभी अत्यधिक बारिश से सामना करना पड़ रहा हैं। इससे मनुष्य के जीवन में विभिन्न प्रकार के बीमारियों का सामना करना पड़ रहा हैं।

प्रदुषण के कई प्रकार के हैं, जैसे कि वायु प्रदुषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण आदि। पिछले कुछ सालों से दुनियां भर में वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा हैं। यह दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा हैं, जिससे वातावरण, पशु-पक्षियों और मनुष्य को कई तरह के बीमारियों का सामना करना पड़ रहा हैं।

वायु प्रदूषण बढ़ने के कई कारण हैं, जैसे कि वाहनों से फैलने वाले धुओं, जंगलों में पेड़-पौधे जलने से आदि फैलने वाले धुओं और गैसों से वायु प्रदूषण हो रहा हैं। इससे होने वाले प्रदूषण से अनेक तरह के बीमारियां हो रही हैं, जैसे कि साँस लेने में तकलीफ, भुखार, सर्दी-खासी, एलर्जी आदि।

जल के बिना मनुष्य अपना जीवन नहीं जी सकता, क्योंकि जल को जीवन माना जाता हैं। जल का उपयोग हम अपने कार्यों में करते हैं, जैसे कि खाना बनाने में, पीने में, नहाने में, कपड़े-बर्तन धोने में आदि के लिए करते हैं। जल के बिना यह सभी कार्यों हम नहीं कर सकते, इसलिए स्वछ जल होना आवश्यक हैं। लेकिन इन दिनों में स्वछ जल मिलने काफी मुश्किल हो गया हैं।

जल प्रदूषण होने के कई प्रमुख कारण हैं, जैसे कि गंदी नदिया, गंदी नालों, सड़े-सूखे पदार्थ, प्लास्टिक, कचरों आदि के कारण जल प्रदूषित होता हैं। इससे मनुष्य के स्वास्थ्य पर असर पड़ता हैं। इससे मनुष्य को कई तरह के बीमारियों का सामना करना पड़ता हैं। यदि हमें सवस्थ रहना हैं, तो जल प्रदुषित होने से रोकना होगा और हमें जल प्रदूषण के प्रति सामाजिक जागरूकता फैलाना होगा।

आज के समय में ध्वनि प्रदूषण एक बड़ी समस्या बन गई हैं। ध्वनि प्रदूषण होने के कई प्रमुख कारण हैं, जैसे कि कल-कारखानों की अनेक प्रकार की आवाज़ें, गाड़ियों की आवाजें, लाउडस्पीकरों की आवाजें आदि। इससे होने वाले आवाजों से मनुष्य को काफी नुकसान पहुँचता हैं, जैसे कि मानसिक तनाव, गुस्सा, चिड़चिड़ापन आदि से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उतपन्न होती हैं।

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निष्कर्ष – Pradushan Ek Samasya Hindi Nibandh

मुझे उम्मीद हैं कि आपको मेरी यह लेख Essay on Pollution in Hindi की जानकारी पसंद आई होगी। यदि आपका कोई सवाल हो, तो हमें कमेंट्स में जरूर बताएं। यदि आपको लेख अच्छी लगी, तो अपने सोशल मिडिया पर शेयर करना न भूले।

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